व्यक्ति और नायक पूजा के विरोधी थे डॉ. आंबेडकर



प्रयागराज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी एवं भारतीय भाषा विभाग में शताब्दी वर्ष व्याख्यान के अंतर्गत बाबा साहब की जयंती के उपलक्ष्य में ‘दलित साहित्य और बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्रो. दीनानाथ ने कबीर और रैदास के माध्यम से निर्गुण संत आंदोलन से बाबासाहब को जोड़ा। मदन ने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने कोई वाद नहीं बनाया वे व्यक्ति पूजा और नायक पूजा के विरोधी थे। प्रो. भूरेलाल ने कहा कि डॉ आंबेडकर की दृष्टि परंपरा से विकसित जरूर हुई है पर वे परंपरा से बाहर भी खूब गए। इस अवसर पर डॉ. सूर्य नारायण, डॉ. गाजुला राजू, डॉ. जनार्दन आदि मौजूद रहे।

इसी क्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डायमंड जुबली छात्रावास में बड़े धूमधाम से आंबेडकर की जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गौतम चौधरी और विशिष्ट अतिथि विधायक डॉ. आरके वर्मा, कर्नल मनोज गौतम, इलाहाबाद हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रभाशंकर मिश्र, नवनीत, राघवेंद्र गौरव आदि मौजूद रहे। नेहरू ग्राम भारती मानित विश्र्वविद्यालय के जॉर्जटाउन कार्यालय में कुलाधिपति मनीष मिश्र ने बाबा साहेब के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया।

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