इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में मारपीट मामला: विभागाध्यक्ष बदले, इन-हाउस जांच कमेटी गठित

 


इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में मारपीट मामला: विभागाध्यक्ष बदले, इन-हाउस जांच कमेटी गठित

प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के अंग्रेजी विभाग में हुई मारपीट की घटना ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक इन-हाउस जांच समिति का गठन किया है, जो पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी। साथ ही, विभागाध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार शर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है और प्रो. इंद्राणी मुखर्जी को अंग्रेजी विभाग का नया विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

घटना 25 मार्च, दोपहर 12 बजे की बताई जा रही है, जब विभागाध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार शर्मा और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमार पराग के बीच किसी विभागीय मामले को लेकर गंभीर विवाद हो गया, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गया। इस मामले को लेकर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

एक-दूसरे पर जान से मारने के आरोप

मारपीट के बाद दोनों शिक्षकों ने कर्नलगंज कोतवाली में तहरीर दी और एक-दूसरे पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया।

प्रो. सुशील कुमार शर्मा का आरोप:

प्रो. शर्मा का कहना है कि उन्होंने विभागीय कार्यवाही के संबंध में डॉ. कुमार पराग को बुलाया था, लेकिन वे इस पर आक्रोशित हो गए। उन्होंने गाली-गलौज करते हुए रॉड से जानलेवा हमला कर दिया।

डॉ. कुमार पराग का आरोप:

दूसरी ओर, डॉ. कुमार पराग ने आरोप लगाया कि विभागाध्यक्ष ने उन्हें अपशब्द कहे और गला दबाने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि खुद को बचाने के दौरान उनकी उंगली में फ्रैक्चर हो गया।

विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से इन-हाउस जांच समिति गठित कर दी है, जो इस पूरे प्रकरण की जांच करेगी। इसके साथ ही, प्रो. सुशील कुमार शर्मा को विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया गया और उनकी जगह प्रो. इंद्राणी मुखर्जी को नया विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया

क्या होगी अगली कार्रवाई?

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इस घटना ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। अब सभी की नजरें इन-हाउस जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिसके बाद ही यह साफ हो सकेगा कि इस विवाद में कौन दोषी है और क्या कार्रवाई होगी

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