विधि के छात्रों को आत्मचिंतन करने की जरूरत : न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी
स्वयं को अपने व्यवसाय के प्रति वफादार बनाएं विद्यार्थी : प्रो. संगीता श्रीवास्तव
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि संकाय में राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता “विधि कुंभ : ज्ञान और कौशल समागम” संपन्न
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि संकाय में दो दिवसीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता “विधि कुंभ : ज्ञान और कौशल समागम” का शनिवार को संपन्न हो गया। सीनेट कैंपस स्थिति प्रो. ईश्वर टोपा अकादमिक कॉम्प्लेक्स में हुए समापन समारोह में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। माननीय न्यायाधीश महेश चंद्र त्रिपाठी को प्रो. आदेश कुमार ने स्मृति चिह्न और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। माननीय न्यायाधीश नंद प्रभा शुक्ला को डा. अन्शुमान मिश्रा ने स्मृति चिह्न और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। माननीय न्यायाधीश क्षितिज शैलेंद्र को डा. अजय सिंह ने स्मृति चिह्न और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव को विधि संकाय के डीन प्रो. आदेश कुमार ने स्मृति चिह्न और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश महेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में नियुक्ति के बाद विधि विभाग नए आयाम स्थापित कर रहा है। पूरब के आक्सफोर्ड का गौरव लौट रहा है। उन्होंने कहा कि मूट कोर्ट का उद्देश्य युवाओं में मूलभूत स्किल को विकसित करना है। मूट कोर्ट का अनुभव विद्यार्थियों को एक वकील के तौर कर कार्य करने के तरीके को सीखने में मद्द करेगा। उन्होंने कहा कि विधि के छात्रों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है। आप जज, ला फर्म, वकील और कारपोरेट क्षेत्र में से जहां भी जाना चाहते हैं, उससे पहले स्वयं की क्षमताओं का अवलोकन करें। उन्होंने विधि छात्रों को सलाह दी कि पहले किसी सीनियर के चैंबर को ज्वाइन करके तौर-तरीके सीखें। थोड़ा धैर्य रखें जब आप सक्षम हो जाएंगे तो बेहतर कर पाएंगे। युवा कृतसंकल्प हैं, वे भीड़ से न डरें। पूरी मेहतन से स्वयं को स्थापित करें।
माननीय न्यायाधीश नंद प्रभा शुक्ला ने कहा कि सहभाग करने वाले विद्यार्थियों को मूट कोर्ट बहुत कुछ सिखाता है। यह मंच विद्यार्थियों को प्रायोगिक जानकारी देता है। उन्होंने विद्यार्थियों उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
माननीय न्यायाधीश क्षितिज शैलेंद्र ने विधि विद्यार्थियों का उत्सावर्धन किया। उन्होंने कहा कि कानून का क्षेत्र केवल विश्वास पर आधारित है। अपनी छवि को बनाए रखना ही सबसे महत्वूपर्ण है, ऐसे में विधि क्षेत्र में अपनी सकारात्मक छवि को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि किताबें डिजिटल प्लेटफार्म से अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करवा देती हैं। ऐसे में किताबें से लगाव बनाए रखें।
विधि के विद्यार्थी सदैव निष्पक्ष रहें : कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव
कार्यक्रम की अध्यक्ष कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आपको सक्षम वकील बनने के लिए स्वयं को सक्षम बनाना होगा। कार्य के साथ परिश्रम आवश्यक है और कार्य के साथ हमें जिम्मेदारी भी आती है। अपनी गलतियों को पहचानों और स्वयं को सक्षम बनाओ। उन्होंने कहा कि बोलने, शोध करने और तथ्यों को सही तरीके से रखने सीखना बहुत जरूरी है। उन्होंने एक कथन ‘‘किसी दिये का कोई अपना मकां नहीं होता, जहां होती है वहीं रोशनी लुटाता है’’ के माध्यम से जीवन को महत्व बताया। उन्होंने कहा कि जल्द ही अमिताभ बच्चन स्वयं आकर हरिवंश राय बच्चन सांस्कृतिक केंद्र के परिसर का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि रविद्र नाथ टैगोर का जीवन हमें सच के साथ खड़ा रहने की प्रेरणा देता है। विधि के विद्यार्थियों को सदैव निष्पक्ष रहना सिखाता है। उन्होंने विद्यार्थियो को सीख दी कि स्वयं को अपने व्यवसाय के प्रति वफादार बनाएं।
ये रहे मूट कोर्ट प्रतियोगिता के परिणाम
मूट कोर्ट प्रतियोगिता में क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी, बैंगलुरू की टीम विजेता रही। टीम को 50 हजार रूपये पुरस्कार के रूप में प्रदान किया गए। राम मनोहर लोहिया नेशनल ला यूनिवर्सिटी, लखनऊ की टीम को उपविजेता घोषित किया गया। टीम को 30 हजार रूपये बतौर पुरस्कार प्रदान किए गए। ईश्वर सरन कॉलेज की अदिति सिन्हा को सर्वक्षेष्ठ शोधार्थी का अवार्ड प्रदान किया गया। अदिति को 10 हजार रूपये पुरस्कार के तौर पर मिला। क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी की टीम को बेस्ट मेमोरियल अवार्ड प्रदान किया गया। टीम को 15000 रूपये का पुस्कार प्रदान किया गया। क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी की टीम की सदस्य तारू रोहतगी को सर्वश्रेष्ठ वक्ता का पुरस्कार दिया गया। उन्हें 10 हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया गया।
राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन
इससे पूर्व विधि संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. आदेश कुमार ने स्वागत किया। राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता की आयोजन सचिव डॉ. विजय लक्ष्मी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने मूट कोर्ट की प्रतियोगिताओं के लिए समय देने के लिए न्यायधीशों का भी धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। मूट कोर्ट सोसायटी की संयोजिका डॉ. सोनल शंकर, अन्शुमान मिश्र, डा. अजय सिंह, डा. हरबंश सिंह, डा. नवीन वर्मा, डा. मुक्ता वर्मा, डा. अनुराग दीप, डा. प्रिया विजय, डा. इस्मिता श्रीवास्तव, डा. संजीव कुमार, डा. अभिषेक, डा. नरेंद्र कुमार, डा. संध्या वर्मा, डा. भीम सिंह मीना और डा. रश्मि ठाकुर ने मूट कोर्ट के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।
मूट कोर्ट प्रतियोगिता के परिणाम:
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विजेता टीम: क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
- पुरस्कार: ₹50,000
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उपविजेता टीम: राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ
- पुरस्कार: ₹30,000
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सर्वश्रेष्ठ शोधार्थी: अदिति सिन्हा (ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज)
- पुरस्कार: ₹10,000
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बेस्ट मेमोरियल अवॉर्ड: क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी
- पुरस्कार: ₹15,000
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सर्वश्रेष्ठ वक्ता: तारू रोहतगी (क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी)
- पुरस्कार: ₹10,000
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