इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डायमंड जुबिली छात्रावास में विशिष्ट पुराछात्र सम्मान समारोह का भव्य आयोजन
जीवन में मनुष्यता की रक्षा आज की सबसे बड़ी चुनौती : अरुण देव गौतम,
इलाहाबाद, [03/03/2025] – इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित डायमंड जुबिली छात्रावास में विशिष्ट अन्तेवासी सम्मान समारोह का गरिमापूर्ण आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्रावास के पूर्व अंतेवासी एवं छत्तीसगढ़ राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में छात्रावास के पुरा अन्तेवासी एवं चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक श्री अरुण कुमार सिंह एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजा राम यादव की गरिमामयी उपस्थिति रही । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो हर्ष कुमार जी अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने की ।कार्यक्रम की शुरुआत में छात्रावास के पुरा अन्तेवासी एवं संरक्षक प्रो. संतोष भदौरिया एवं सह-अधीक्षक डॉ. मनीष कुमार गौतम ने पुष्पगुच्छ अंगवस्त्रएवं स्मृति चिन्ह भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। छात्रावास के अन्तेवासियों ने पुष्पमालाओं के माध्यम से तथा स्वागत गीत के द्वारा अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन किया।कार्यक्रम के पूर्व अतिथियों ने पौधारोपण कर परिसर को हरियाली से परिपूर्ण करने का संकल्प व्यक्त किया. छात्रावास में पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया जिसके लिए सभी आवश्यक पुस्तकों को खरीदकर कर भेजने की घोषणा पुलिस महानिदेशक श्री अरुण कुमार गौतम ने की तथा पुस्तकालय हेतु एअरकंडीशन प्रदान करने की घोषणा श्री अरुण कुमार सिंह ने की. जिसका अंतेवासियों ने तहेदिल से आभार व्यक्त किया.
छात्रावास संरक्षक प्रो. संतोष भदौरिया जी ने अपने छात्रावासीय जीवन की स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि यह प्रांगण हमारी अमिट स्मृतियों का अनिवार्य हिस्सा है.उन्होंने इस गतिशीलता भरे जीवन में मानवता को बचाये रखने व उन्हें संरक्षित करने पर जोर दिया. तथा कहा कि मानव जीवन की सार्थकता परहित में निहित है । छात्रावास के सह अधीक्षक डॉ. मनीष गौतम जी ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया.
कार्यक्रम के अगले क्रम में विशिष्ट अतिथि श्री अरुण कुमार सिंह जी ने अपने छात्र जीवन व छात्रावास की स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि छात्रावास केवल कंक्रीट की दीवार नहीं बल्कि यह वह स्थान है जहाँ व्यक्ति के व्यक्तित्व की नींव पड़ती है। विश्वविद्यालय की पहचान एक परम्परा में निहित है इसे अपने आप मे बनाये रखें इसी से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अरुण देव गौतम जी ने छात्रों को अपना जीवनानुभव एवम् मार्गदर्शन प्रदान किया। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कैरियर कभी भी जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हो सकता। केवल पढ़ लिख कर किसी नौकरी में आ जाना पर्याप्त नहीं है। जीवन को किसी बड़े दायरे में परिभाषित करने का प्रयास करना चाहिए । उन्होंने विश्वविद्यालय के गौरवपूर्ण दौर और उसे ज्ञान के मंदिर के रुप में याद करते हुए उसकी उतरोत्तर प्रगति कि कामना की तथा विश्वविद्यालय परिवार सहित सभी अंतेवासियों का आभार प्रकट किया.
प्रो. हर्ष कुमार अधिष्ठाता विद्यार्थी कल्याण ने विश्वविद्यालय एवं छात्रावासों के गौरवशाली परम्परा की चर्चा करते हुए कहा कि हम सबका सार्थक प्रयास होना चाहिए कि हम उस परम्परा का निर्वहन कर सकें और उस दिशा में कार्य कर सकें।कार्यक्रम में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजाराम यादव, प्रो. वी के राय,प्रो. अरुण कुमार, श्री दिनेश सिंह , श्री के के राव,विजय उपाध्याय, डा. दिनेश कुमार सहित तमाम पुराअंतेवासियों की उपस्थिति रही.
अन्त में छात्रावास के सह अधीक्षक डॉ. मनीष गौतम जी धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का औपचारिक समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन अनुभव दूबे ने तथा स्वागत गीत विनम्र शुक्ला ने प्रस्तुत किया।
प्रस्तुति
प्रियांशु त्रिपाठी
पुरा अन्तेवासी, डी जे हॉस्टल
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