इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम 3 मार्च से
केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो और विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में होगा आयोजन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय और इसके संघटक महाविद्यालयों के शिक्षणेत्तर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए पांच दिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 3 मार्च से 7 मार्च 2025 तक सीनेट परिसर स्थित तिलक भवन में आयोजित होगा। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुवाद कार्यों में दक्ष बनाना है, जिससे वे अपने दायित्वों को अधिक कुशलता से निभा सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के निर्देशन में और कुलसचिव प्रो. आशीष खरे के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम संपन्न होगा।
हिंदी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि यह प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा, क्योंकि इससे वे अपने प्रशासनिक कार्यों में हिंदी अनुवाद की बारीकियों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे। प्रशिक्षण के दौरान अनुवाद तकनीकों, सरकारी नियमावली के अनुसार हिंदी के प्रयोग, कार्यालयी हिंदी लेखन और अनुवाद की व्यावहारिक समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
प्रशिक्षण में भाग लेने की प्रक्रिया
इस कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक अधिकारी एवं कर्मचारी किसी भी कार्यदिवस में राजभाषा विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी इस अवसर का लाभ उठा सकें।
प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे
प्रशिक्षण पूरा करने वाले सभी प्रतिभागियों को केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो, भारत सरकार की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र न केवल उनकी अनुवाद दक्षता को मान्यता देगा, बल्कि भविष्य में उनके कार्यों में भी सहायक सिद्ध होगा।
हिंदी के बढ़ते महत्व पर जोर
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य हिंदी को प्रशासनिक कार्यों में अधिक प्रभावी बनाना भी है। वर्तमान समय में सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में राजभाषा हिंदी का उपयोग बढ़ाने की दिशा में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। यह प्रशिक्षण उसी प्रयास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में होने वाला यह पांच दिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे हिंदी अनुवाद की कला में निपुणता प्राप्त कर सकें। इस पहल से विश्वविद्यालय प्रशासन में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा और सरकारी दस्तावेजों के अनुवाद में गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी।
(रिपोर्ट: इलाहाबाद विश्वविद्यालय संवाददाता)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (University of Allahabad) भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना 23 सितंबर 1887 को हुई थी, और इसे "पूरब का ऑक्सफोर्ड" भी कहा जाता है।
विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय
- स्थान: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
- संस्थापक: सर विलियम म्योर
- केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा: 2005 में प्राप्त हुआ
- कुलपति: प्रो. संगीता श्रीवास्तव (वर्तमान में)
विश्वविद्यालय की प्रमुख विशेषताएं
- शैक्षणिक उत्कृष्टता: इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में गिना जाता है और यहां कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि, प्रबंधन, और अनुसंधान के क्षेत्र में उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान की जाती है।
- संघटक महाविद्यालय: विश्वविद्यालय के अंतर्गत कई संघटक महाविद्यालय आते हैं, जैसे कि ईविंग क्रिश्चियन कॉलेज (ECC), इस्लामिया कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी डिग्री कॉलेज आदि।
- प्रमुख विभाग एवं संकाय: इसमें कला संकाय, विज्ञान संकाय, वाणिज्य संकाय, विधि संकाय, प्रबंधन अध्ययन केंद्र, और कम्प्यूटर शिक्षा केंद्र शामिल हैं।
- छात्र राजनीति: इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ (AU Students’ Union) ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है, जहां से कई प्रमुख नेता उभरे हैं।
- प्रवेश परीक्षाएं: स्नातक (CUET UG), परास्नातक (PGAT), पीएचडी (CRET) आदि के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
हालिया गतिविधियां और खबरें
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विभिन्न अकादमिक और प्रशासनिक सुधार किए जा रहे हैं। हाल ही में, पांच दिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम और नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत चर्चा में रहे हैं।
यदि आप इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबंधित किसी विशेष जानकारी की तलाश में हैं, तो बता सकते हैं!
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