इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डीन आर्ट्स प्रो. अनामिका राय की पुस्तक 'बर्थिंग द गॉडेस' का विमोचन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 4 मार्च को
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डीन आर्ट्स प्रो. अनामिका राय द्वारा सह-लिखित पुस्तक 'बर्थिंग द गॉडेस' का विमोचन 4 मार्च 2025 को अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन लक्ष्मी मित्तल इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में किया जाएगा, जो भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शोध कार्यों के लिए जाना जाता है।
पुस्तक विमोचन में शामिल होंगे विश्व प्रसिद्ध विद्वान
पुस्तक के विमोचन के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध प्रोफेसर बैंक क्लूनी और प्रोफेसर डायना एक्क उपस्थित रहेंगे। ये दोनों विद्वान दक्षिण एशियाई धर्मों, संस्कृति और इतिहास के गहरे जानकार माने जाते हैं।
पुस्तक 'बर्थिंग द गॉडेस' का विशेष महत्व
प्रो. अनामिका राय की यह पुस्तक प्राचीन भारतीय देवी परंपरा और महिला शक्ति पर केंद्रित है। इसमें यह विश्लेषण किया गया है कि भारतीय पौराणिक कथाओं, मूर्तिकला और धार्मिक अनुष्ठानों में देवी की उत्पत्ति और उसकी अवधारणा कैसे विकसित हुई। पुस्तक में विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों, मंदिरों और शिल्पकृतियों का गहन अध्ययन प्रस्तुत किया गया है, जो इसे अध्येताओं, शोधकर्ताओं और भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए एक अनमोल ग्रंथ बनाता है।
प्रो. अनामिका राय – भारतीय संस्कृति की प्रसिद्ध शोधकर्ता
प्रो. अनामिका राय ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है और वे भारतीय कला, संस्कृति और इतिहास पर शोध कार्य के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी अन्य महत्वपूर्ण पुस्तकों में '64 योगिनी' और 'अमरावती स्तूप' शामिल हैं, जो भारतीय मूर्तिकला और बौद्ध कला पर विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करती हैं।
हार्वर्ड में विमोचन – भारतीय शोधकर्ताओं के लिए गर्व का क्षण
किसी भारतीय प्रोफेसर द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में होना एक गौरवशाली उपलब्धि है। यह न केवल भारतीय विद्वानों की वैश्विक पहचान को दर्शाता है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है।
भारतीय कला और संस्कृति में बढ़ती रुचि
बीते कुछ वर्षों में भारतीय मूर्तिकला, पौराणिक परंपराओं और धार्मिक ग्रंथों पर अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की रुचि तेजी से बढ़ी है। ऐसे में प्रो. अनामिका राय की पुस्तक 'बर्थिंग द गॉडेस' नई दृष्टि और शोध सामग्री प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए महत्वपूर्ण ग्रंथ
यह पुस्तक इतिहासकारों, शोधकर्ताओं, आर्ट स्टडीज के छात्रों और भारतीय संस्कृति के प्रेमियों के लिए बेहद उपयोगी होगी। इसमें प्राचीन भारतीय समाज में देवी पूजा की भूमिका, धार्मिक अनुष्ठानों में महिलाओं की भागीदारी और शक्ति की अवधारणा को ऐतिहासिक संदर्भों के साथ प्रस्तुत किया गया है।
उम्मीद की जा रही है कि पुस्तक को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिलेगी
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विमोचन के बाद यह पुस्तक अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कला प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन सकती है। इसके साथ ही यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर और मजबूती से स्थापित करने का कार्य करेगी।
प्रो. अनामिका राय की यह उपलब्धि न केवल इलाहाबाद विश्वविद्यालय के लिए बल्कि पूरे भारतीय शिक्षा जगत के लिए गर्व की बात है। यह दर्शाता है कि भारतीय शोधकर्ता और विद्वान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी अलग पहचान बना रहे हैं और भारतीय संस्कृति की गहराई को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।
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