इलाहाबाद विश्वविद्यालय: पांच साल बाद भी नहीं सुधरा लॉ कोर्स का सत्र

 


कोरोना की मार से नहीं उबर सका विधि कोर्स

कोरोना के बाद भी नहीं पटरी पर लौटा लॉ कोर्स

विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रयास नाकाम, विधि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित

प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता

इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों में विधि की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक बार फिर चुनौतियां बढ़ गई हैं। तकनीकी पांच साल बाद भी विधि कोर्स कोरोना की मार से उबर नहीं सका है।

दूसरे सेमेस्टर में पहले सेमेस्टर की परीक्षा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी और इसके अधीनस्थ कॉलेजों में अध्ययनरत विधि स्नातक (एलएलबी) और परास्नातक (एलएलएम) के छात्रों को अब तक नियमित पढ़ाई का अवसर नहीं मिल सका है। इसी का परिणाम है कि एलएलबी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा अब मार्च 2025 में कराई जा रही है, जबकि इस समय तक छात्रों को अपने दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए थी।

कोरोना की दोहरी मार ने किया प्रभावित

कोरोना महामारी के कारण 2020 में लगे लॉकडाउन के चलते विश्वविद्यालयों में पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई थी। परीक्षाओं में देरी हुई, जिससे सत्र नियमित नहीं हो सका। इसके बाद 2021 में कोरोना की दूसरी लहर आने पर स्थितियां और खराब हो गईं। विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रखने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी समस्याओं और संसाधनों की कमी के कारण सभी छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल सका।

सत्र नियमित करने की कोशिशें नाकाम

कोरोना काल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सत्र को नियमित करने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास अब तक सफल नहीं हो सका। छात्र अभी भी पिछले सत्रों की परीक्षाओं में उलझे हुए हैं। खासकर विधि संकाय के छात्रों को इसका अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि उनका पाठ्यक्रम व्यावहारिक होने के साथ-साथ समयबद्ध भी होता है।

परीक्षा तिथि घोषित, लेकिन भविष्य अनिश्चित

एलएलबी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा 18 मार्च से कराई जाएगी, लेकिन छात्रों को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर सत्र नियमित नहीं हुआ तो आगे की पढ़ाई और परीक्षाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।

छात्रों और अभिभावकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि परीक्षा और परिणाम प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि अगला सत्र समय पर शुरू हो सके। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जल्द ही सत्र को नियमित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।




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