UGC releases draft for academic staff appointments, removes NET as mandatory for assistant professor post


 UGC Proposes New Draft Regulations for Appointment and Promotion of Academic Staff in Higher Education Institutions

NET Requirement Removed for Assistant Professors

In a significant move, the University Grants Commission (UGC) has proposed the removal of the National Eligibility Test (NET) as a mandatory qualification for the appointment of assistant professors and promotions in higher education institutions. The decision forms part of the draft regulations for minimum qualifications and promotion criteria for teachers and academic staff in universities and colleges.


Regulations Under UGC Act, 1956

The draft, issued under the UGC Act, 1956, aims to revise the current guidelines governing the appointment and promotion of academic staff. The UGC has invited feedback, suggestions, and comments from stakeholders to fine-tune the regulations to suit the evolving needs of the education sector.


Applicability Across Higher Education Institutions

The new regulations will apply to all higher education institutions across India, including affiliated and constituent colleges, deemed universities, and other HEIs. Key provisions also include relaxation in marks for candidates from Scheduled Castes, Scheduled Tribes, and other reserved categories.


Expanded Eligibility for Vice Chancellor Post

The draft introduces a new eligibility criterion for the post of Vice Chancellor. Candidates with at least 10 years of senior-level experience in industry, public policy, public administration, or PSUs, alongside proven academic or scholarly contributions, can now be considered for the position.


Focus on Transparency and Merit-Based Selection

The proposed regulations emphasize transparent and objective evaluation methods for recruitment and promotions. A detailed framework for assessing academic achievements, research aptitude, and teaching capabilities is included to ensure merit-based selections.


Impact on Academic Staff Roles

The regulations outline specific qualifications, experience, and achievements required for positions such as assistant professors, professors, associate professors, librarians, and directors of physical education and sports.


Implementation and Pay Revision

The regulations will take effect following official notification. Notably, the pay revision under these regulations will be applicable retrospectively from January 1, 2016.


Stakeholders are encouraged to review and provide feedback on the draft to ensure its alignment with the diverse demands of the higher education landscape.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने जारी किया शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए नए मसौदा नियम, NET की अनिवार्यता समाप्त


नई दिल्ली:

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने शिक्षकों और शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों को बनाए रखने के लिए नए मसौदा नियम जारी किए हैं। इनमें सबसे बड़ा बदलाव यह है कि असिस्टेंट प्रोफेसर और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में पदोन्नति के लिए अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।


मसौदा नियमों का उद्देश्य

ये मसौदा नियम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 के तहत जारी किए गए हैं। इनका उद्देश्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति और पदोन्नति के दिशा-निर्देशों को संशोधित करना है। आयोग ने हितधारकों से सुझाव और प्रतिक्रिया मांगी है ताकि इन प्रस्तावित नियमों को उच्च शिक्षा क्षेत्र की विविध मांगों के अनुरूप बनाया जा सके।


मुख्य बदलाव

1. NET की अनिवार्यता समाप्त:

असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए अब NET की आवश्यकता नहीं होगी।


2. आरक्षित वर्गों को छूट:

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए अंकों में छूट का प्रावधान।


3. उपकुलपति पद के लिए नई पात्रता:

अब उद्योग, सार्वजनिक नीति, सार्वजनिक प्रशासन, या सार्वजनिक उपक्रमों में कम से कम 10 वर्षों के वरिष्ठ स्तर के अनुभव वाले उम्मीदवार भी पात्र होंगे, बशर्ते उन्होंने शैक्षणिक या शोध क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।


4. सभी उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू:

यह नियम सभी उच्च शिक्षण संस्थानों, संबद्ध कॉलेजों, घटक कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों पर लागू होंगे।

पारदर्शिता और मेरिट आधारित चयन पर जोर Emphasis on transparency and merit based selection

मसौदा नियमों में उम्मीदवारों के मूल्यांकन के लिए पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ पद्धतियों का प्रावधान किया गया है। चयन प्रक्रिया को शैक्षणिक उपलब्धियों, शोध कौशल और शिक्षण क्षमताओं पर आधारित बनाया जाएगा।

वेतन संशोधन Pay Revision

मसौदा नियमों के अनुसार वेतन संशोधन 1 जनवरी 2016 से प्रभावी होगा।

सुझाव और प्रतिक्रिया की प्रक्रिया

UGC ने मसौदा नियमों पर सभी हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। अंतिम अधिसूचना के बाद इन नियमों को लागू किया जाएगा।

(रिपोर्ट: उच्च शिक्षा संवाददाता)

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