महाकुंभ में भगदड़, 47 की मौत


 महाकुंभ में भगदड़, 47 की मौत

मोनी अमावस्या पर भारी भीड़, संगम तट पर दर्दनाक हादसा

प्रयागराज: संगम तट पर मंगलवार रात मोनी अमावस्या स्नान के दौरान भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें 47 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और दर्जनों श्रद्धालु घायल हो गए। घटना रात करीब दो बजे की है जब स्नान के लिए उमड़ी लाखों की भीड़ बेकाबू हो गई।


अस्पताल में हाहाकार, कई की हालत गंभीर

भगदड़ में घायल हुए लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बड़ी संख्या में श्रद्धालु बेहोश हो गए थे और कई को गंभीर चोटें आईं। अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।


कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संगम तट पर स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु एकत्र हुए थे। रात करीब दो बजे अचानक अफवाह फैली कि किसी ने स्नान क्षेत्र में धक्का-मुक्की शुरू कर दी है। इसके बाद भगदड़ मच गई और कई लोग नीचे गिर पड़े। भीड़ इतनी अधिक थी कि लोग एक-दूसरे पर चढ़ने लगे, जिससे दम घुटने और कुचलने से मौतें हुईं।

प्रशासन पर उठे सवाल

घटना के बाद प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन को पहले से ही भारी भीड़ का अनुमान था, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। लोगों का आरोप है कि मौके पर मौजूद पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में नाकाम रही।


सरकार का बयान और मुआवजे की घोषणा

उत्तर प्रदेश सरकार ने घटना पर दुख जताते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

सुरक्षा व्यवस्था की होगी समीक्षा

राज्य सरकार ने कहा है कि आगे आने वाले प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। कुंभ प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन उपायों को लेकर पुनः समीक्षा बैठक बुलाई है।

श्रद्धालुओं में डर, लेकिन आस्था बरकरार

घटना के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। कई लोगों ने कहा कि वे किसी भी स्थिति में संगम स्नान से पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि, हादसे से लोगों में डर का माहौल भी बना हुआ है।

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