Special Lecture on “Indic-Knowledge System and Jurisprudence” Held at University of Allahabad


Special Lecture on “Indic-Knowledge System and Jurisprudence” Held at University of Allahabad

The Faculty of Law, University of Allahabad, organized a Special Lecture on January 24, 2025, at the auditorium on the topic “Indic-Knowledge System and Jurisprudence: A Way towards Academic Spirituality in India.” The lecture was delivered by Prof. Himanshu Pandey, a distinguished professor from Maharashtra National Law University, Nagpur.



The event began with a formal welcome by Prof. Adesh Kumar, Dean, Faculty of Law, who felicitated Prof. Pandey with a bouquet. Dr. Anshuman Mishra presented a memento as a token of gratitude. In his insightful lecture, Prof. Pandey provided a fresh perspective on jurisprudence, urging students to view it not merely as an academic subject but as a dynamic, evolving philosophy deeply rooted in India’s traditions.

The program concluded with a vote of thanks by Dr. Sandhya Verma, Convenor of the Juris Lecture Committee, followed by the National Anthem. The event was hosted by Saumya Sonkar and Ananya Mishra, students of B.A.LL.B. (Hons.).

Prominent faculty members present at the event included Dr. Ajai Singh, Dr. Sonal Shankar, Dr. Roshan Lal, Dr. Sanjeev Kumar, Dr. Vijay Laxmi Singh, Dr. Smita Srivastava, Ms. Shraddha Chaudhary, Dr. Narender Kumar, Mr. Bheem Singh Meena, Dr. Anurag Deepak Verma, and Mr. Ritesh Tiwari.

The session left a lasting impression on the attendees, encouraging them to explore jurisprudence through the lens of India’s rich intellectual and spiritual traditions.



 विधि संकाय में भारतीय ज्ञान प्रणाली एवं विधि शास्त्र पर विशेष व्याख्यान

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि संकाय में शुक्रवार 24 जनवरी, 2025 को ‘‘भारतीय ज्ञान प्रणाली एवं विधि शास्त्र : भारत में आध्यात्मिकता की ओर एक दिशा’’ विषय पर प्रो. हिमांशु पांडे (प्रोफेसर, महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी) का विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। 

विधि संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. आदेश कुमार ने प्रोफेसर हिमांशु पांडे को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया और डॉ. अंशुमान मिश्रा ने आभार स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट किया। 

इस मौके पर प्रो. हिमांशु पांडे ने न्यायशास्त्र पर एक नया दृष्टिकोण दिया और छात्रों से न्यायशास्त्र को केवल एक विषय के रूप में नहीं बल्कि हमारी अपनी परंपराओं में निहित एक जीवित, विकसित दर्शन के रूप में देखने का आग्रह किया। ज्यूरिस व्याख्यान समिति की संयोजिका डॉ. संध्या वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। कार्यक्रम का संचालन बी0ए0एलएल0बी0 (ऑनर्स) की छात्राओं सौम्या सोनकर और अनन्या मिश्रा ने किया। इस अवसर पर विधि संकाय के शिक्षक डॉ. अजय सिंह, डॉ. सोनल शंकर, डॉ. रोशन लाल, डॉ. रश्मि ठाकुर, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. विजय लक्ष्मी सिंह, डॉ. स्मिता श्रीवास्तव, सुश्री श्रद्धा चौधरी, डॉ. नरेन्द्र कुमार, भीम सिंह मीणा, डॉ. अनुराग दीपक वर्मा एवं रितेश तिवारी उपस्थित रहे।

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