महाकुंभ की भगदड़ में सैकड़ों लोग लापता: हॉस्पिटल और खोया-पाया केंद्रों पर पहुंचे, अपनों को खोज रहे परिवारवाले
प्रयागराज के महाकुंभ में मची भगदड़ में बड़ी संख्या में लोग अपनों से बिछड़ गए हैं। दरअसल, संगम पर मौजूद श्रद्धालु जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे। कुछ लोग बिजली के खंभों पर चढ़ गए, कुछ लोग ठेलियों के नीचे छिप गए। भगदड़ में मरने वालों और घायलों को महाकुंभ के दो अस्पतालों में पहुंचाया गया है।
यहां लापता लोगों को ढूंढने के लिए उनके परिजन पहुंचे हैं। किसी का बेटा तो किसी का रिश्तेदार लापता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिवार ने सेंट्रल हॉस्पिटल और खोया-पाया केंद्र पहुंचकर पीड़ित परिजनों से बात करके उनका दर्द जाना...
भगदड़ में हमारा सामान खो गया नालन्दा, बिहार की मीना ने बताया- अभी तो हम लोग नहा भी नहीं पाए थे। इस दौरान धक्का लगा और मारामारी मच गई। लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते गए। हम तीन लोग स्नान करने आए थे। हमारी भाभी को चोट आई हैं, वो एडमिट हैं। भगदड़ में हमारा सामान वहीं खो गया। हम जैसे तैसे अपनी जान बचाकर भागे हैं।
पति को ढूंढते खोया-पाया केंद्र पहुंची खोया-पाया केंद्र सेक्टर-4 पर तड़के 4 बजे बिहार की एक महिला मिलीं। इन्होंने बताया कि भगदड़ में पति खो गए हैं। उन्हें ढूंढती हुई यहां पर आई हूं, लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा है। खोया पाया केंद्र पर बड़ी संख्या में लोग अपनों का पता लगाने के लिए पहुंचे हैं। वो अपना मोबाइल नंबर नोट करवा रहे हैं, ताकि लापता लोगों के बारे में कुछ इन्फॉर्मेशन मिल सके।
पिताजी को ढूंढते हॉस्पिटल पहुंची एक महिला ने बताया- हमारे पिताजी श्याम बहादुर नहीं मिल रहे हैं। मैं उन्हें ढूंढती हुई हॉस्पिटल आई हूं, लेकिन अभी कुछ पता नहीं चल रहा है। बिहार के रणजीत प्रसाद ने बताया- इस भगदड़ में हमारे पिता गणेश लापता हो गए हैं। संगम पर पुलिस ने हमें बताया कि हॉस्पिटल में जाकर देखो। मैं हॉस्पिटल आया हूं तो यहां भी पिताजी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।
रमेश बोले- पत्नी, बच्चे सहित 4 लापता हैं गुना जिले के रमेश ने बताया- भगदड़ में उनकी पत्नी, बच्ची, बच्चा, दामाद लापता हो गए हैं। संगम पर अचानक पता नहीं क्यों भगदड़ मची, मैं किसी तरह जान बचाकर भागा हूं। ललती नाम की महिला भी संगम घाट पर इस भगदड़ में खो गईं। परिवार वाले ढूंढते खोया-पाया सेंटर पर पहुंचे।
मेरे 3 बच्चे नहीं मिल रहे, मोबाइल भी खो गया एक महिला ने बताया- तीन बच्चे लापता हैं। ढूंढ रही हूं, कोई नहीं मिल रहा है। मोबाइल और आधार कार्ड भी खो गए। हमारे साथ का कोई मिल नहीं रहा है।
महाकुंभ भगदड़-12 रिपोर्टर्स की आंखोंदेखी: लाशों के बीच अपनों की तलाश, जमीन पर तड़पते लोग
महाकुंभ का सबसे बड़ा अमृत स्नान मौनी अमावस्या का होता है। कवरेज के लिए हम लोग अलर्ट थे। रात के करीब 2 बजे थे। अचानक एक के बाद एक एंबुलेंस की आवाज आने लगीं। भगदड़ की सूचना मिली। हम सीधे सेक्टर-2 में सेंट्रल हॉस्पिटल पहुंचे। यहां पर बहुत सारी एंबुलेंस एकसाथ आ रही थीं। हमारी साथी रिपोर्टर सृष्टि को घायल का परिजन बताकर हॉस्पिटल के अंदर दाखिल किया। इमरजेंसी वार्ड में उसने देखा कि 10 से ज्यादा डेड बॉडी पड़ी थीं। बहुत सारे घायल स्ट्रेचर पर तड़प रहे थे। डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे।
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