फीस वापसी पर छात्रों के साथ UGC, नए सेशन में भी छात्रों की हर शिकायत पर एक्शन का भरोसा


UGC Assures Action on Student Complaints, Strengthens Fee Refund Policy for 2025-26 Admissions

UGC College Admissions 2025-26: The University Grants Commission (UGC) has reaffirmed its commitment to addressing student grievances related to college admissions and fee refunds. As the new academic session begins, UGC has assured students that complaints registered on its e-Samadhan portal will be addressed promptly, ensuring hassle-free resolutions, including fee refunds.

UGC’s Focus on Fee Refunds: A Proven Track Record

Students facing difficulties in securing refunds from universities during migration or admission cancellation can file complaints on UGC’s e-Samadhan portal. The commission has assured that students have a high likelihood of retrieving their fees. UGC’s track record over the last five years reflects this promise, with a remarkable 97% success rate in resolving refund-related cases.

From 2020 to 2025, the UGC received 4,257 complaints about universities not refunding fees. UGC Chairman Prof. M. Jagadesh Kumar highlighted that stringent policies on fee refunds have ensured that students recover their dues in most cases. He reiterated that even the remaining 3% unresolved cases are under active review.

Private Universities Lead in Complaints

The majority of grievances come from private universities, which often admit students before results from national entrance exams such as CUET, JEE Main, or JEE Advanced. When students secure admission to their preferred institutions and request refunds, private universities frequently withhold fees.

Key statistics:

Private Universities: 1,475 complaints; ₹10.12 crore refunded.

State Universities: 1,211 complaints; ₹4.32 crore refunded.

Central Universities: 799 complaints; ₹1.34 crore refunded.

Deemed Universities: 770 complaints; ₹9.68 crore refunded.

UGC’s Fee Refund Policy: Student-Centric Approach

Over the past two years, UGC has implemented a transparent policy for fee refunds. Institutions can retain only a nominal administrative fee, such as 10% or less, upon admission cancellation. The policy ensures students receive their remaining amount promptly.

Key Highlights from the 2024 Policy:

Full Refund Deadline: Students cancelling admissions by September 30, 2024, were entitled to a complete fee refund.

Nominal Charges: After this date, only ₹1,000 could be deducted as processing fees until October 31, 2024.

UGC’s efforts during this period led to the refund of ₹25.51 crore, demonstrating a strong commitment to student welfare.

Grievances Across States

From 32 states and union territories, UGC recorded the highest complaints from:

1. Uttar Pradesh: 827 complaints.

2. Delhi: 591 complaints.

3. Rajasthan: 418 complaints.

4. Tamil Nadu: 381 complaints.

5. West Bengal: 377 complaints.

The highest number of grievances were registered during the 2023-24 session (2,251 cases), followed by 927 cases in 2022-23 and 915 in 2024-25.

Empowering Female Students

Female students have particularly benefited from UGC’s fee refund efforts. Out of 4,257 complaints, 1,386 were filed by girls, leading to refunds totaling ₹8.71 crore. Male students filed 2,871 complaints, resulting in ₹16.80 crore refunded.

UGC e-Samadhan: A One-Stop Grievance Platform

The e-Samadhan portal addresses 21 types of student grievances, including:


Irregularities in the admission process.


Non-publication of admission policies or prospectuses.


False information in institutional prospectuses.


Denial of degrees, diplomas, or certificates.


Overcharging of fees.


Non-payment of scholarships or fellowships.


Reservation policy violations in admissions.


Examination irregularities, including errors in paper evaluation.

Future Policy Outlook for 2025-26

UGC is expected to release its updated fee refund policy soon. Based on past measures, the framework is likely to prioritize student welfare, ensuring seamless transitions between institutions without financial barriers.

A Message from UGC Chairman

Prof. M. Jagadesh Kumar emphasized UGC’s commitment to ensuring every student can pursue education at their institution of choice without hindrance. He stated, “The UGC Fee Refund Cell aims to remove financial obstacles, enabling students to secure admissions at their preferred institutions. Our efforts extend across all higher education institutions, including central, state, private, and deemed universities, as well as institutes of national importance.”

Students can visit the e-Samadhan portal to register their complaints and

 seek resolution. UGC’s dedicated measures ensure fair practices, reinforcing trust in India’s higher education system.

फीस वापसी पर छात्रों के साथ UGC, नए सेशन में भी छात्रों की हर शिकायत पर एक्शन का भरोसा

UGC College Admission 2025-26: UGC ने कॉलेज में एडमिशन को लेकर छात्रों की शिकायतों पर ध्यान देने और उन पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। इसके अलावा फीस के रिफंड से जुड़ी कई सारी समस्याएं छात्रों को आती हैं, जिस पर UGC ने सहयोग करने का वादा किया है।

नए सेशन 2025-26 में एडमिशन की रेस में दौड़ने जा रहे छात्रों को अगर शिफ्टिंग की प्रक्रिया में किसी यूनिवर्सिटी- कॉलेज में जमा की गई फीस वापस लेने में दिक्कत हो रही है तो उन्हें बस UGC के e-Samadhan portal पर जाना होगा। इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करनी होगी, फीस वापस मिलने के पूरे- पूरे चांस हैं। यह केवल कोरा आश्वासन नहीं है बल्कि UGC का फीस वापसी करवाने का पिछले पांच साल का ट्रैक रेकॉर्ड इस बात की गवाही देता है।

कॉलेज एडमिशन को लेकर UGC की गाइडलाइन

UGC को 2020-25 तक पांच शैक्षणिक वर्षों में 4257 कंप्लेंट्स मिली है, जिसमें अलग- अलग कैटिगरी की यूनिवर्सिटी छात्रों की फीस वापस नहीं कर रही थी। UGC के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार का कहना है कि फीस वापसी पर सख्त नियमों का ही असर है कि 97 फीसदी मामलों में छात्रों की फीस वापस करवा दी गई है और बचे हुए 3 प्रतिशत मामलों को भी अभी छोड़ा नहीं है, कार्रवाई जारी है। नये सेशन में भी छात्रों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।


प्राइवेट में पहले हो जाते हैं एडमिशन:

यूनिवर्सिटी एडमिशन की प्रक्रिया को देखें तो प्राइवेट यूनिवर्सिटी व उसके बाद कुछ डीम्ड यूनिवर्सिटी में केंद्रीय विश्वविद्यालय व राज्यों की यूनिवर्सिटी से पहले एडमिशन कर लिए जाते हैं और बाद में जब छात्र कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट- CUET, इंजीनियरिंग टेस्ट JEE MAIN, आईआईटी टेस्ट JEE ADVANCED समेत दूसरे एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट के बाद शिफ्टिंग करते हैं तो उनकी फीस कई बार वापस नहीं की जाती। खास बात यह है कि पिछले 5 वर्षों की शिकायतों को देखें तो सबसे ज्यादा प्राइवेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ ही मामले हैं।

क्या है UGC की फीस रिफंड पॉलिसी, नए सेशन की भी पॉलिसी जल्द:

पिछले दो सालों से UGC ने क्लियर पॉलिसी बनाई है कि एडमिशन कैंसल करवाने पर संस्थान एक छोटी राशि रख सकते हैं, जैसे प्रशासनिक शुल्क का 10 प्रतिशत या उससे कम, लेकिन बाकी फीस रिफंड करनी होती है। इस नियम में सफलता दर 97 प्रतिशत है और UGC के प्रयासों से 25.51 करोड़ रुपये वापस करवाए गए हैं। UGC जल्द ही नये सेशन के लिए भी फीस रिफंड पॉलिसी को नोटिफाई करेगा लेकिन पिछले दो सालों की पॉलिसी को देखें तो उसमें छात्रों के हितों को ही सर्वोपरि रखा गया है।

2024 की पॉलिसी को देखें तो अगर कोई भी छात्र एक यूनिवर्सिटी या कॉलेज से एडमिशन कैंसल करवाता है और दूसरे किसी संस्थान में माइग्रेशन लेता है तो उस स्थिति में 30 सितंबर 2024 तक आवेदन करने वाले हर छात्र की पूरी फीस लौटाने को कहा गया था, 31 अक्टूबर 2024 तक नाम वापस लेने पर प्रोसेसिंग फीस के तौर पर अधिकतम एक हजार रुपये ही काटे जाने की मंजूरी दी गई थी और बाकी फीस वापस करवाई गई। UGC की फीस निवारण सेल हर शिकायत को देखती है। यह सेल e-Samadhaan प्लेटफॉर्म के तहत काम करती है।

प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ने लौटाए सबसे ज्यादा पैसे:

UGC के विश्लेषण को देखें तो 211 प्राइवेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ 1475 शिकायतें मिली और 10.12 करोड़ रुपये छात्रों को वापस मिले। 177 स्टेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ 1211 शिकायतें आई और UGC ने इन यूनिवर्सिटी से 4.32 करोड़ रुपये छात्रों को दिलवाए। 37 केंद्रीय विवि के खिलाफ आई 799 शिकायतों में 1.34 करोड़ रुपये की फीस वापसी हुई। 77 डीम्ड यूनिवर्सिटी के खिलाफ 770 शिकायतें UGC फीस निवारण सेल को मिली और इसके बाद छात्रों को 9.68 करोड़ रुपये मिल सके।

गर्ल्स स्टूडेंट्स को भी बड़ा फायदा:

पिछले 5 वर्षों में 2871 शिकायतें छात्रों की तरफ से आई और 1386 शिकायतें गर्ल्स स्टूडेंट्स ने की। 25 करोड़ में से गर्ल्स स्टूडेंट्स को 8.71 करोड़ रुपये वापस मिले और छात्रों को 16.80 करोड़ रुपये फीस वापसी के रूप में मिले।

किन 5 राज्यों की यूनिवर्सिटीज के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें:

UGC को 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से छात्रों की शिकायतें मिली। यूपी से सबसे ज्यादा 827 शिकायतें, दिल्ली से 591, राजस्थान की यूनिवर्सिटीज के खिलाफ 418, तमिलनाडु से 381 और पश्चिम बंगाल की यूनिवर्सिटी के खिलाफ 377 शिकायतें थी। 2023-24 सेशन में सबसे ज्यादा 2251, 2022-23 में 927 और 2024-25 सेशन में 915 शिकायतें आई।

ई समाधान पोर्टल पर कर सकते हैं 21 तरह की शिकायतें:

ई समाधान पोर्टल पर एडमिशन से जुड़ी शिकायतों के अलावा एडमिशन प्रोसेस में अनियमितता, एडमिशन पॉलिसी, प्रॉस्पेक्टस पब्लिश न होना, प्रॉस्पेक्ट्स में गलत जानकारी देना, डिग्री, डिप्लोमा व सर्टिफिकेट देने से इंकार करना, ज्यादा फीस मांगना, एडमिशन में रिजर्वेशन पॉलिसी का उल्लंघन करना, स्कॉलरशिप- फेलोशिप की पेमेंट न करना, एग्जामिनेशन से जुड़ी शिकायतें, पेपर जांच में गड़बड़ी, फीस वापस न करना, UGC नियमों का उल्लंघन, टीचर्स की नियुक्ति, टीचर्स की सैलरी समेत तमाम तरह की शिकायतें की जा सकेंगी।

क्या कहते हैं UGC अध्यक्ष:

UGC अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार का कहना है कि हर छात्र को न्याय दिलवाना प्राथमिकता है। UGC फीस निवारण सेल का मकसद ही यही है कि हर कोई छात्र अपनी पसंद के संस्थान में दाखिला ले पाए और इस राह में फीस वापसी कोई अड़चन न बने। UGC के प्रयास सभी प्रकार के उच्च शिक्षा संस्थानों-केंद्रीय, राज्य, निजी, डीम्ड विश्वविद्यालयों और यहां तक कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों तक भी पहुंचे हैं।

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