BHU PhD Admission: Revised Rules Bring Relief to Students
The ongoing protests by students regarding the PhD admission policy at Banaras Hindu University (BHU) have finally borne fruit. The University Admission Coordination Board has approved the students' key demands. Under the revised guidelines, all candidates in the RET (PhD qualified) category will now receive interview calls for every seat. Selection will be based on the merit list, considering both interview performance and NET scores. To accommodate the protesting candidates, BHU has extended the application deadline for PhD admissions to January 25, 2025.
Students had staged protests for six days demanding changes to the PhD admission process. Following discussions with acting Vice-Chancellor Prof. Sanjay Kumar and university officials, the protests concluded. A special committee was formed to review the students’ demands. On Wednesday, the committee’s recommendations were approved by the University Admission Coordination Board.
Previously, only five candidates were allowed to compete for a single seat. During the protests, the university increased this number to 10, but students continued to demand a fairer system. The latest decision ensures that all eligible candidates in the RET category will now be called for interviews. However, the board clarified that this change is applicable only for the current admission cycle.
The students’ request to conduct the PhD admission process twice a year has also been acknowledged. The proposal has been forwarded to the Academic or Executive Council for a final decision. Notably, the Academic Council had earlier decided to conduct the PhD admissions only once a year.
In related news, BHU had already extended the PhD application deadline from January 21 to January 25, 2025, and introduced a new correction window for minor changes in application forms on January 27 and 28. By Tuesday, 7,000 candidates had already applied for the 1,540 PhD seats advertised in the admission bulletin.
With these revised admission guidelines, BHU aims to address the concerns of applicants and ensure a fair selection process.
BHU PhD : BHU पीएचडी दाखिले में अब सभी को मौका, UGC NET व इंटरव्यू मार्क्स से बनेगी मेरिट
BHU में पीएचडी प्रवेश नियमावली को लेकर छात्रों का विरोध आखिरकार रंग लाया। विश्वविद्यालय प्रवेश समन्वयन बोर्ड ने छात्रों की मांगों पर मुहर लगा दी है। अब रेट (पीएचडी क्वालिफाइड) श्रेणी में हर सीट पर सभी अभ्यर्थियों को बुलावा भेजा जाएगा। साक्षात्कार और नेट के अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट से उनका चयन होगा। आंदोलन करने वाले छात्रों को मौका देने के लिए BHU ने प्रवेश आवेदन की तिथि 25 जनवरी तक बढ़ा दी है।
BHU में पीएचडी प्रवेश नियमावली में संशोधन के लिए छात्रों ने छह दिनों तक धरना प्रदर्शन और विरोध किया था। कार्यवाहक कुलपति सहित BHU के अधिकारियों से बातचीत के बाद छात्रों ने धरना समाप्त किया था। कार्यवाहक कुलपति प्रो. संजय कुमार ने छात्रों की मांग पर निर्णय के लिए समिति गठित की थी। बुधवार को समिति की रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय प्रवेश समन्वयन बोर्ड की तरफ से स्वीकृति दे दी गई। इसके तहत इस बार रेट श्रेणी की सीटों पर सभी अभ्यर्थियों को साक्षात्कार का मौका दिया जाएगा। छात्रों की यह सबसे बड़ी मांग थी। प्रवेश नियमावली में पहले एक सीट पर पांच छात्रों को बुलावा देने का निर्णय लिया गया था।
आंदोलन के दौरान BHU ने इसे बढ़ाकर एक सीट पर दस अभ्यर्थी किया मगर छात्र नहीं माने। हालांकि बोर्ड ने इस निर्णय को सिर्फ इस साल के लिए लागू किया है। साल में दो बार पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया कराने की मांग पर भी बोर्ड ने सकारात्मक रुख अपनाया है। इसपर निर्णय एकेडमिक या एग्जीक्यूटिव काउंसिल में लिया जा सकता है। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को दोबारा एकेडमिक काउंसिल में भेजने की बात कही है। बता दें कि एकेडमिक काउंसिल ने ही साल में एक बार पीएचडी प्रवेश कराने का निर्णय लिया था।
आपको बता दें कि एक दिन पहले BHU के जून-2024 पीएचडी प्रवेश में दाखिले की अंतिम तिथि बढ़ा दी थी। अब 25 जनवरी 2025 तक आवेदन किया जा सकता है। पहले अंतिम तिथि 21 जनवरी थी। अभ्यर्थियों की मांग पर 27 और 28 जनवरी को फॉर्म में माइनर करेक्शन की नई व्यवस्था कर दी गई है। बाकी तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मंगलवार तक 7000 अभ्यर्थियों ने पीएचडी में आवेदन कर दिया था। BHU ने पीएचडी के 1540 सीटों पर प्रवेश के लिए बुलेटिन जारी किया था।
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