विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जारी की नई गाइडलाइन, अब स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में होंगे बड़े बदलाव
UGC के नए नियम: अब छात्रों को 12वीं के विषयों की बाध्यता नहीं, नई दिशा में पढ़ाई की मिलेगी स्वतंत्रता
नई शिक्षा नीति के तहत UGC ने दी सहूलियतें, छात्र कर सकेंगे अपनी पसंद का कोर्स
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने गुरुवार को विश्वविद्यालय और कॉलेजों में दाखिले के नियमों में बड़े बदलाव करते हुए एक नई गाइडलाइन जारी की। इसमें स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) कार्यक्रमों में कई सुधार किए गए हैं, जिनसे छात्रों को नए अवसर और लचीलापन मिलेगा।
साल में दो बार दाखिले का प्रावधान
नए फ्रेमवर्क के अनुसार, उच्च शिक्षा संस्थान साल में दो बार प्रवेश प्रक्रिया आयोजित कर सकते हैं। ये दाखिले जुलाई/अगस्त और जनवरी/फरवरी में किए जाएंगे। इससे छात्रों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और उनका वेटिंग पीरियड कम होगा।
यूजी और पीजी कोर्स के लिए बदले पात्रता नियम
UGC ने स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्रता में बदलाव किया है।
अब किसी भी स्ट्रीम का छात्र, चाहे उसने 12वीं या स्नातक में कोई भी विषय पढ़ा हो, अंडर ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन में अपनी पसंद का कोर्स चुन सकता है।
इसके लिए छात्रों को केवल संबंधित नेशनल लेवल की प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी।
12वीं या स्नातक की स्ट्रीम अब किसी कोर्स में दाखिले के लिए बाधा नहीं बनेगी।
एक साथ दो डिग्री हासिल करने की अनुमति
नई गाइडलाइन के तहत छात्रों को एक साथ दो डिग्री कोर्स करने की अनुमति दी गई है। इससे वे अपनी शैक्षिक योग्यता को बेहतर बना सकते हैं और अलग-अलग फील्ड्स में अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
डिग्री कोर्स में बीच में एडमिशन का विकल्प
नए नियमों के अनुसार, विश्वविद्यालय अपनी उपलब्ध शैक्षणिक और भौतिक सुविधाओं के आधार पर स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स के विभिन्न वर्षों में छात्रों को सीधे प्रवेश दे सकेंगे।
स्नातक कोर्स में दूसरे, तीसरे, या चौथे वर्ष में एडमिशन लिया जा सकता है।
स्नातकोत्तर कोर्स में दूसरे वर्ष में भी सीधे प्रवेश की सुविधा होगी।
यह व्यवस्था राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क के एंट्री और एग्जिट नियमों के तहत की गई है।
डिग्री पूरी करने की अवधि में लचीलापन
स्नातक की डिग्री को निर्धारित समय से पहले या बाद में पूरा किया जा सकेगा।
छात्र अपना कोर्स बीच में छोड़ सकते हैं और बाद में किसी भी समय उसे फिर से शुरू कर सकते हैं।
छात्रों के लिए नए अवसर
UGC के इन बदलावों से छात्रों को न केवल अपनी शिक्षा के लिए नए विकल्प मिलेंगे, बल्कि उन्हें अपने करियर के लिए नई दिशा भी मिलेगी। यह कदम नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
Post a Comment