साल में दो बार होगा केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश: UGC ने दी मंजूरी
UGC की मंजूरी के बाद कौन से 6 केंद्रीय विश्वविद्यालय दे रहे साल में 2 बार दाखिला
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला प्रक्रिया को अधिक लचीला और सुलभ बनाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने साल में दो बार प्रवेश देने की नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत उच्च शिक्षण संस्थान जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में छात्रों को दाखिला दे सकते हैं। हालांकि, यह नीति संस्थानों की तैयारी और क्षमता पर निर्भर करेगी।
UGC: छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अपनाई नीति
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बुधवार को राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने इस नई प्रणाली को अपनाया है। यह नीति उन छात्रों को लाभान्वित करेगी जो विभिन्न कारणों से पहले दाखिला चूक जाते हैं।
सावधानीपूर्वक योजना जरूरी: UGC
UGC ने स्पष्ट किया है कि इच्छुक उच्च शिक्षण संस्थानों को इस नीति के तहत दाखिला देने के लिए समुचित योजना बनानी होगी। इसमें सेमेस्टर परीक्षाओं की योजना, शिक्षण-सत्र की समयबद्धता, और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाएं शामिल हैं।
एडमिशन के लिए साल भर का नहीं होगा इंतजार
साल में दो बार एडमिशन देने के नियम पर यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने जून 2024 में मुहर लगाई थी.जिसके बाद उन्होंने कहा था कि साल में दो बार एडमिशन से छात्रों को प्रेरणा बनाए रखने में मदद मिलेगी. यदि वे वर्तमान सत्र में प्रवेश से चूक जाते हैं तो उन्हें पूरे एक साल का इंतजार नहीं करना होगा. उन्होंने कहा कि साल में दो बार प्रवेश होने पर उद्योग जगत के लोग भी सााल में दो बार कैंपस प्लेसमेंट कर सकेंगे. इससे ग्रेजुएट्स के लिए रोजगार के अवसर बेहतर होंगे.
वैकल्पिक है द्विवार्षिक प्रवेश नीति
मंत्री ने यह भी बताया कि यह नीति पूरी तरह से वैकल्पिक है। उच्च शिक्षण संस्थान अपनी तैयारियों के आधार पर ही इस प्रणाली को अपनाएंगे। UGC का मानना है कि यह कदम उच्च शिक्षा में अधिक समावेशिता और विविधता लाने में मदद करेगा।
छात्रों को मिलेगा अधिक अवसर
UGC की यह नई पहल छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करेगी। इसके अलावा, इससे उच्च शिक्षण संस्थानों को भी अपनी क्षमताओं को और अधिक कुशलतापूर्वक उपयोग करने का मौका मिलेगा।
इस नई प्रणाली से भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव होने की संभावना है। UGC की यह पहल छात्रों और संस्थानों के लिए एक नई दिशा तय करेगी।
मंत्री ने बताया कि देश के छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने साल में दो बार प्रवेश देने की नीति अपनाई है-
केरल
विश्वविद्यालयपंजाब
विविराजस्थान
विविहैदराबाद
विवितेजपुर विविनागालैंड विवि
Kerala
University Punjab
University Rajasthan
University Hyderabad
University Tajpur
University Nagaland
University dhanbad
दुनिया की कर सकेंगे बराबरी
इसी साल जून में UGC अध्यक्ष ने कहा था कि साल में दो बार एडमिशन की प्रक्रिया आयोजित करके भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान भी ग्लोबल लेवल पर चल रही एकेडमिक स्टैंडर्ड्स की बराबरी कर सकेंगे. जानकारी दे दें कि इससे पहले यानी अब तक देश भर की यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों में ग्रेजुएट व पोस्टग्रेजुएट कोर्सों के लिए साल में एक बार एडमिशन लिया जाता है.
UGC Approves Biannual Admission Policy for Higher Education Institutions
Six Central Universities Adopt the Policy
The government announced on Wednesday that six central universities have implemented a policy to admit students twice a year. This decision was shared by Union Minister of State for Education, Sukanta Majumdar, in a written reply to a question in the Rajya Sabha.
UGC Grants Approval for Biannual Admissions
The University Grants Commission (UGC) has approved a biannual admission policy for higher educational institutions, allowing them to admit students in two cycles—July or August and January or February. However, the UGC clarified that implementing this policy is optional and depends on the preparedness of institutions to handle biannual admissions effectively.
Institutions Need Robust Planning
Minister Majumdar emphasized that institutions opting for the biannual admission policy must carefully plan all associated activities, including semester examinations, to ensure smooth implementation. The UGC underscored the importance of meticulous preparation to align academic schedules with the new admission cycles.
Flexibility for Higher Education Institutions
The UGC's biannual admission policy aims to provide flexibility to higher education institutions, enabling them to streamline admissions and accommodate more students. While this policy offers opportunities to expand access, its success hinges on the institutions’ ability to adapt their administrative and academic systems.
This initiative aligns with UGC’s broader vision to make higher education more accessible and efficient while catering to the diverse needs of students across the country.
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