UGC : NTA CUET UG and CUET PG exam 2025 set to undergo changes revised guidlines soon UGC chief
CUET UG, PG : 60 मिनट का सीबीटी पेपर, सभी प्रश्न अनिवार्य; CUET UG PG में दिखेंगे बड़े बदलाव
CUET को पूरी तरह कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड में कराने की तैयारी है। इसके अलावा सभी पेपरों के लिए 60 मिनट की अवधि, अभ्यर्थियों के लिए सभी प्रश्नों को हल करने की अनिवार्यता की योजना बनाई जा रही है।
CUET UG और पीजी प्रवेश परीक्षाओं में विशेषज्ञ समिति की समीक्षा के बाद 2025 में कई अहम बदलाव होने की संभावना है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी। UGC ने CUET UG और पीजी के संचालन की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है। कुमार ने कहा, 'बीते वर्षों में मिली प्रतिक्रिया के आधार पर CUET देने वाले छात्रों के लिए बेहतर, अधिक कुशल और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के वास्ते परीक्षा प्रक्रिया में लगातार सुधार करना भी आवश्यक है। इसी सोच के साथ UGC ने 2025 के लिए CUET UG और CUET PG के संचालन की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। समिति ने इसकी संरचना, प्रश्नपत्रों की संख्या, परीक्षा की अवधि, सिलेबस और परिचालन संचालन से जुड़ी आवश्यकता जैसी परीक्षा के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया है। आयोग ने हाल में एक बैठक में इन सिफारिशों पर विचार किया।'
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक CUET को पूरी तरह कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड में कराने की तैयारी है। इसके अलावा सभी पेपरों के लिए 60 मिनट की अवधि, अभ्यर्थियों के लिए सभी प्रश्नों को हल करने की अनिवार्यता और विदेशी भाषा के पेपरों में कमी करने की घोषणा करने की योजना बनाई जा रही है।
CUET PG और UG पेपर की अवधि और संरचना: जानें प्रमुख विवरण
वर्तमान में 105 मिनट के CUET पीजी पेपर में 12 विदेशी भाषाओं सहित विभिन्न विषयों से 75 प्रश्न शामिल हैं। CUET UG पेपर की अवधि अलग-अलग होती है, डोमेन और भाषा के पेपर 45 मिनट और जनरल टेस्ट 60 मिनट का होता है।
UGC प्रमुख ने बताया कि आयोग जल्द CUET UG और CUET PG 2025 आयोजित करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों का विवरण देते हुए एक मसौदा प्रस्ताव जारी करेगा, जिसमें छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और संस्थानों से प्रतिक्रिया एवं सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। वर्ष 2022 में परीक्षा के पहले संस्करण में CUET UG तकनीकी गड़बड़ियों से ग्रस्त था। साथ ही, एक विषय के लिए कई शिफ्ट में परीक्षा आयोजित किए जाने के कारण परिणामों की घोषणा के दौरान अंकों का सामान्यीकरण करना पड़ा। परीक्षा 2024 में पहली बार 'हाइब्रिड मोड' में आयोजित की गई थी। हालांकि, इसे लॉजिस्टिक कारणों का हवाला देते हुए आयोजित होने से एक रात पहले दिल्ली भर में रद्द कर दिया गया था। कुमार ने कहा कि CUET को विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने की पक्रिया को मानकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर पेश किया गया था।
उन्होंने कहा, 'CUET ने विभिन्न शैक्षिक बोर्डों और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए समान अवसर प्रदान किया है, जिससे सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर सुनिश्चित हुए हैं। पिछले साल, 283 विश्वविद्यालयों ने CUET को अपनाया और पंजीकृत अभ्यर्थियों की संख्या 13,47,820 थी।'
CUET ने किया दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल: UGC प्रमुख ने 2025 के संभावित बदलावों पर छात्रों से की चर्चा
कुमार ने कहा, 'विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर पर एक ही प्रवेश परीक्षा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करके CUET ने दाखिला प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है, अलग-अलग कट-ऑफ पर निर्भरता को कम किया है और दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी एवं प्रौद्योगिकी-संचालित बनाया।'
UGC प्रमुख ने सोमवार को CUET UG 2024 में उत्तीर्ण होने वाले विभिन्न कॉलेजों के छात्रों के साथ संवाद किया और CUET UG 2025 में संभावित बदलावों पर चर्चा की।
2022 में आया था CUET
CUET को पूरे भारत में विश्वविद्यालय एडमिशन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए 2022 में शुरू किया गया था लेकिन इसको लागू करना का चुनौतियों से भरा रहा है। पहले साल में परीक्षा केंद्रों में अचानक परिवर्तन, तकनीकी गड़बड़ियां और काफी पेपरों का रद्द होना सहित लॉजिस्टिक विफलताएं देखी गईं, जिससे सितंबर तक परिणामों की घोषणा में देरी हुई। कई शिफ्टों में एग्जाम होने के चलते आए नॉर्मलाइजेशन ने असंतोष को और बढ़ा दिया। 2023 में आंसर-की में काफी गड़बड़िया देखने को मिली। सुधार के लिए 200 रुपये का शुल्क तक देना पड़ा। 2024 में नीट यूजी पेपर लीक के आरोपों ने CUET के परिणामों में और देरी की। लॉजिस्टिक कारणों दिल्ली में पहले हाइब्रिड-मोड टेस्ट को अचानक रद्द कर दिया गया जिसकी व्यापक आलोचना हुई।
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