इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बनेगा विज्ञान पार्क, नैनो तकनीक को समझना होगा आसान

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बनेगा विज्ञान पार्क, नैनो तकनीक को समझना होगा आसान

"इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विज्ञान पार्क का निर्माण, नैनो तकनीक से छात्रों को मिलेगा नई दिशा"

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विज्ञान विषय की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। विद्यार्थी नैनो तकनीक के उपयोग और बारीकियों को आसानी से समझ सकेंगे। इविवि के भौतिक विज्ञान विभाग में विज्ञान पार्क विकसित किया जा रहा है। जिसका 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। पार्क के चारों ओर पत्थरों की पटरी बनाई गई है। पत्थरों को तराश कर विश्वविद्यालय में किए गए विश्वस्तरीय अविष्कारों, महत्वपूर्ण उपकरणों और खगोलीय घटनाओं को उकेरा गया है। नैनो विज्ञान और तकनीक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो रहा है। विभागाध्यक्ष प्रो. केएन उत्तम ने बताया कि पार्क में तराशे गए पत्थरों में दर्शाया गया है कि नैनो तकनीक अल्ट्रास्मॉल कणों को डिजाइन किया गया है। जिससे पौधों की वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिल रहा है। इसी तकनीक का उपयोग करके किसान पानी, उवर्रक और अन्य इनपुट पौधों को दे रहे हैं। यह प्रक्रिया सटीक खेती को अधिक टिकाऊ बनाती है क्योंकि यह अपशिष्ट को कम करती है। यह पार्क नवप्रवेशी विद्यार्थियों के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने में सहायक होगा।

1. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में विज्ञान पार्क का निर्माण हो रहा है, जो विद्यार्थियों को नैनो तकनीक की उपयोगिता और बारीकियों को समझने में मदद करेगा।

2. पार्क का 90 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है, जिसमें चारों ओर पत्थरों की पटरी बनाई गई है।

3. पत्थरों पर विश्वविद्यालय के विश्वस्तरीय अविष्कारों, महत्वपूर्ण उपकरणों और खगोलीय घटनाओं को उकेरा गया है।

4. नैनो विज्ञान और तकनीक का उपयोग जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है, खासकर खेती में।

5. नैनो तकनीक के माध्यम से अल्ट्रास्मॉल कणों का डिज़ाइन किया गया है, जो पौधों की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देते हैं।

6. इस तकनीक का उपयोग किसान पानी, उर्वरक और अन्य इनपुट के सटीक वितरण के लिए कर रहे हैं, जिससे टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिलता है और अपशिष्ट में कमी आती है।

7. यह पार्क विद्यार्थियों के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और नये विचारों को प्रोत्साहित करने में सहायक होगा।

Science Students at Allahabad University to Explore Nano Technology in a New Science Park

University's Physics Department Nears Completion of Innovative Science Park

Allahabad University has exciting news for its science students, as a new Science Park is being developed by the Department of Physics to facilitate an in-depth understanding of nano technology and its applications. The project, which is more than 90% complete, aims to provide a unique and engaging learning environment for budding scientists.


World-Class Creations Etched in Stone

The Science Park features intricately carved stone pathways that illustrate the university’s global inventions, advanced equipment, and significant astronomical phenomena. These carvings also depict nano technology concepts, showcasing how ultrafine particles are designed to promote growth and development in plants.


Nano Technology and Precision Agriculture

Highlighting the practical applications of nano technology, Department Head Prof. K.N. Uttam explained that the Science Park demonstrates its role in precision agriculture. Nano-enabled methods help farmers efficiently deliver water, fertilizers, and other inputs to crops, reducing waste and enhancing sustainability. This revolutionary approach is expected to inspire students to explore innovative solutions for global challenges.


Promoting Scientific Temper Among Students

The Science Park is poised to become a hub for nurturing scientific curiosity and innovation among new entrants at the university. By merging practical knowledge with visual storytelling, the initiative is set to make science more accessible and appealing to students.

 

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