दिव्यांग दिवस पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर व्याख्यान का आयोजन
दिव्यांगजन को प्रकृति ने दिया है विशिष्ट गुण: प्रो. हर्ष
दिव्यांगजनों की विशेष क्षमताओं पर बल
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर डिफरेंटली एबल्ड स्टूडेंट्स की ओर से अर्थशास्त्र विभाग के सभागार में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य अतिथि डीएसडब्ल्यू प्रो. हर्ष कुमार ने कहा कि दिव्यांगजनों को प्रकृति ने एक तरफ शारीरिक चुनौती दी है, तो दूसरी तरफ उन्हें कुछ विशिष्ट गुण भी प्रदान किए हैं।
समाज और दिव्यांगता का अंतर्संबंध
कार्यक्रम के दौरान प्रो. आलोक प्रसाद ने कहा कि समाज और दिव्यांगता के बीच परस्पर लाभप्रद अंतर्संबंध विकसित करने के लिए सही रणनीतियों और योजनाओं की आवश्यकता है।
सहानुभूति नहीं, आत्मसम्मान चाहते हैं दिव्यांगजन: विशेषज्ञ
सहानुभूति नहीं, आत्मसम्मान चाहिए
मुख्य वक्ता डॉ. रितु मोदी ने कहा कि दिव्यांगजन को सहानुभूति नहीं बल्कि आत्मसम्मान प्रिय होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगा।
संवेदनशीलता से निखरती है प्रतिभा
प्रो. आशीष सक्सेना ने कहा कि समाज की संवेदनशीलता ही दिव्यांगजनों की प्रतिभा को समाजोपयोगी बना सकती है।
सम्मानजनक उपस्थिति
इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार, सुशील, अंजुल कुमार, अनिरुद्ध कुमार, रजनी सिंह, हेमा सिंह, साक्षी भदौरिया, श्याम सागर, सूर्य प्रकाश दुबे, प्रियांशु, नीतू, अमृता सिंह, देवेश प्रताप सिंह, संदीप कुमार, अनिल पटेल, ओमजी पांडेय और महेश चंद्र सहित कई विशिष्टजन उपस्थित रहे।
International Day of Persons with Disabilities Celebrated at Allahabad University
Special Lecture Highlights the Strengths and Challenges of Differently-Abled Individuals
Prayagraj, Office Correspondent: Jawaharlal Nehru Centre for Differently-Abled Students, under Allahabad University, organized a special program on Tuesday in the auditorium of the Department of Economics to commemorate International Day of Persons with Disabilities.
Focus on Empowerment and Inclusion
In the lecture, Chief Guest Professor Harsh Kumar, Dean of Students’ Welfare, highlighted that while nature may impose physical challenges on differently-abled individuals, it compensates by endowing them with unique talents. He stressed the importance of recognizing and nurturing these abilities.
Insights on Strategies and Sensitivity
Professor Alok Prasad emphasized the evolving strategies and policies aimed at fostering mutually beneficial relationships between differently-abled individuals and society.
Keynote speaker Dr. Ritu Modi underlined that self-respect is crucial for differently-abled individuals, and they seek equal opportunities, not sympathy.
Professor Ashish Saxena remarked that a sensitive society is essential to transform the talents of differently-abled individuals into socially beneficial contributions.
Active Participation
The event witnessed active participation from faculty members, students, and dignitaries, including Dr. Anil Kumar, Sushil, Anjul Kumar, Aniruddh Kumar, Rajni Singh, Hema Singh, Sakshi Bhadauria, Shyam Sagar, Surya Prakash Dubey, Priyanshu, Neetu, Amrita Singh, Devesh Pratap Singh, Sandeep Kumar, Anil Patel, Omji Pandey, and Mahesh Chandra.
The program served as a platform to advocate for inclusivity and respect for the inherent dignity of differently-abled individuals while fostering awareness and sensitivity within society.
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