BHU : बीएचयू ने यूजी, पीजी छात्रों के लिए शुरू की इंटर्नशिप स्कीम, हर माह मिलेंगे 20 हजार रुपये


BHU Internship : BHU launches Rs 20000 stipend internship for library science graduates

BHU : बीएचयू ने यूजी, पीजी छात्रों के लिए शुरू की इंटर्नशिप स्कीम, हर माह मिलेंगे 20 हजार रुपये

भारत में आधुनिक पुस्तकालय विज्ञान के जनक डॉ. एसआर रंगनाथन की याद में बीएचयू ने इंटर्नशिप योजना की शुरुआत की है। इसके तहत देश में एनआईआरएफ रैंकिंग में टॉप-100 में आने वाले शीर्ष संस्थानों के स्नातक और स्नातकोत्तर के 20 उत्कृष्ट विद्यार्थियों को बीएचयू के सयाजीराव गायकवाड़ केंद्रीय पुस्तकालय में एक साल की इंटर्नशिप का अवसर दिया जाएगा। छात्रों को इस दौरान 20 हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय भी दिया जाएगा।

योजना का उद्देश्य देश के लिए नए और उम्दा लाइब्रेरियन तैयार करना है। शिक्षा मंत्रालय की इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस पहल के तहत शुरू की गई इस योजना से शैक्षणिक ज्ञान और पेशेवर कौशल के बीच के अंतर को कम किया जाएगा। विश्वप्रसिद्ध ग्रंथालयी डॉ. एसआर रंगनाथन का बीएचयू से गहरा संबंध था। उनके नाम पर शुरू की गई इस योजना में बीएचयू युवाओं को पुस्तकालय संचालन में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा। कार्यक्रम के अंतर्गत शुरू में 20 इंटर्न का एक वर्ष के लिए चयन किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर उन्हें एक वर्ष का विस्तार भी दिया जा सकता है। जो इंटर्न कम से कम छह महीने की अवधि पूरी कर लेंगे उन्हें इंटर्नशिप प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि डॉ. एसआर रंगनाथन इंटर्नशिप कार्यक्रम विकास और सीखने के लिए नई राहें खोलने तथा उत्कृष्ट प्रतिभाओं को विश्वविद्यालय से जोड़ने की बीएचयू की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह योजना आकांक्षी पुस्तकालय पेशेवरों को अपने कौशल को निखारने और भविष्य की भूमिकाओं के लिए खुद को तैयार करने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगी।

1917 में बना था केंद्रीय ग्रंथालय

बीएचयू का सयाजीराव गायकवाड़ केंद्रीय ग्रंथालय 1917 में स्थापित हुआ था। भारतरत्न महामना पं. मदन मोहन मालवीय ने इसके लिए बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय की मदद ली। 1917 में स्थापित लाइब्रेरी का मुख्य भवन 1941 में तैयार हुआ। इसके वृत्ताकर मुख्य हॉल को ब्रिटिश म्यूजियम से प्रेरणा लेकर तैयार कराया गया था। लाइब्रेरियन डॉ. डीके सिंह बताते हैं कि सेंट्रल लाइब्रेरी में मौजूदा समय में पांच लाख से ज्यादा किताबें और 60 हजार से ज्यादा ई-बुक्स, ऑनलाइन जर्नल और एक लाख से ज्यादा दुर्लभ पांडुलिपियां संरक्षित हैं। पुस्तकालय की शुरुआत आठ घंटे की अवधि तक के लिए थी। आज यह 24 घंटे खुली रहती है।

 

BHU launches Rs 20,000 stipend internship for library science graduates

The Banaras Hindu University (BHU) has introduced a one-year internship programme tailored for graduates and postgraduates in Library Science. This initiative, part of the Institution of Eminence scheme under the Ministry of Education, aims to bridge the gap between academic studies and real-world application in the field of library management.

Named in honour of Dr. SR Ranganathan, often referred to as the father of modern library science in India, the programme is designed to provide hands-on experience while enriching the university's library services. It seeks to nurture young professionals, equipping them with practical skills and introducing fresh perspectives into library operations.

NUMBER OF INTERNS TO BE PART OF PROGRAMME

Initially, 20 interns will be selected for the programme, each receiving a stipend of Rs 20,000 per month. Exceptional performers may be offered an extension of up to one additional year. Furthermore, participants who complete a minimum of six months in the programme will be awarded a Certificate of Internship.

The Dr. SR Ranganathan internship programme is open to Library of Science graduates and postgraduates from India's top 100 universities, as per NIRF rankings or designated as Institutions of National Importance. It is expected to enhance the skills of participants while also improving the operational efficiency of BHU's library system.

The programme will be overseen by the university's Sponsored Research Industrial Consultancy Cell (SRICC). BHU highlighted that its existing internship programme for Library and Information Science graduates has already yielded significant improvements in both intern expertise and library operations.


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