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PhD Admission at BHU Slowed by NTA Data Delay, New Process Requires UGC NET Scores

PhD Admission at BHU Slowed by NTA Data Delay, New Process Requires UGC NET Scores

Multiple Letters Sent, But NTA Yet to Provide PhD Admission Data to BHU

BHU Phd : NTA की ढिलाई से रुके पीएचडी दाखिले, UGC NET स्कोर से होने हैं एडमिशन

BHU PhD Admissions Stalled Due to Delays from NTA, UGC NET Scores Required for Entry

Data Delay Hinders Admissions Process

The PhD admission process at Banaras Hindu University (BHU) has been halted this session due to delays by the National Testing Agency (NTA). Following the release of the NET-JRF results on October 18, NTA has yet to provide BHU with the data of successful candidates, creating a significant roadblock for the university’s exam department in identifying qualified and unqualified students. Multiple letters have reportedly been sent from BHU to NTA in a bid to secure the data necessary to continue the admission process.

Changes to BHU PhD Admission Process in 2024

This year, BHU revised its PhD admission process, eliminating the Research Entrance Test (RET) previously used in addition to the NET-JRF. For the first time, only candidates who have successfully cleared the UGC NET-JRF examination are eligible for admission to the PhD program. The decision to limit admissions to NET-JRF qualifiers has sparked some controversy among students, but the NTA's delay in providing the required data has added an additional layer of uncertainty, making it difficult to launch the admission process. Although BHU can release a PhD bulletin, it cannot verify the marks of applicants without the required data.

UGC NET Results Structured in Three Categories

The UGC NET results this year were issued in three distinct categories: NET, JRF, and PhD qualifiers. Each of these categories involves a different selection process, adding complexity to BHU’s admission requirements. To proceed with admissions, BHU requires NTA to supply candidate details including names, roll numbers, and scores.

Officials Await Data from NTA

According to Prof. GP Singh, BHU’s Additional Controller of Examinations, the university has formally requested the data from NTA. Once BHU receives the information, it plans to expedite the PhD admissions process.

Previous Admission Delays Due to Agency's Data Lag

This isn’t the first time BHU has faced delays because of NTA’s slow data delivery. During both the 2022 and 2023 UG and PG admission processes, BHU experienced similar hold-ups, with the admissions being finalized as late as January 2022 and December 2023, respectively. This ongoing delay in receiving data from NTA has now affected the PhD admission timeline for 2024.

बीएचयू में इस सत्र में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की ढिलाई के कारण थम गई है। 18 अक्टूबर को नेट-जेआरएफ के परिणाम जारी होने के बाद एनटीए अब तक बीएचयू को सफल अभ्यर्थियों का डेटा नहीं दे सकी है। ऐसे में बीएचयू के परीक्षा विभाग के सामने शोध प्रवेश प्रक्रिया में सफल-असफल छात्रों की पहचान करने का संकट खड़ा हो गया है। सफल अभ्यर्थियों के डेटा के लिए बीएचयू की तरफ से एनटीए को कई पत्र लिखे जा चुके हैं।

NTA's Slow Response Leaves BHU PhD Admission in Doubt, Frustrates Aspirants

बीएचयू में इस साल से पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया बदल दी गई है। हर बार बीएचयू नेट-जेआरएफ के अलावा रेट (रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट) से भी प्रवेश लिए जाते थे जबकि इस साल रेट को खत्म कर दिया गया है। इस बार सिर्फ यूजीसी नेट-जेआरएफ की परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को ही मौका दिया जाएगा। इसे लेकर छात्रों ने काफी विरोध भी किया। एनटीए की तरफ से डेटा न मिल पाने के कारण प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने को लेकर भी संशय बरकरार है। बीएचयू अपनी तरफ से पीएचडी बुलेटिन जारी तो कर सकता है मगर प्रवेश आवेदन करने वाले छात्रों के अंक की पुष्टि नहीं हो सकेगी।

यूजीसी नेट का परिणाम भी इस बार तीन वर्गों में जारी किया गया है। इनमें नेट, जेआरएफ और पीएचडी के लिए सफल श्रेणियों में छात्रों को स्थान दिया गया है। तीनों के चयन की प्रक्रिया भी अलग है। ऐसे में बीएचयू को एनटीए से सफल छात्रों के नाम, अनुक्रमांक और अंक के ब्योरे का इंतजार है।

बीएचयू के अपर परीक्षा नियंता प्रो. जीपी सिंह ने बताया कि इस संबंध में एनटीए को पत्र लिखकर डेटा की मांग की गई है। सफल छात्रों का डेटा मिल जाने के बाद प्रक्रिया को तीव्र गति से पूरा कर लिया जाएगा।

एजेंसी के कारण पहले भी लेट हुए सत्र

वाराणसी। एनटीए से डेटा देरी से मिलने का यह कोई पहला मामला नहीं। इससे पहले 2022 और 23 की यूजी और पीजी प्रवेश प्रक्रिया में भी सफल छात्रों का डेटा बीएचयू को काफी देरी से मिला। इसके चलते 2022 में प्रवेश प्रक्रिया जनवरी और 23 में दिसंबर के बाद पूरी हो सकी थी। इस बार पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में इस ढिलाई के कारण देरी हो रही है। 

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