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Fake Disability Certificates Detected in Allahabad University’s Admission Process

 


Discrepancies Found in Disability Certificates for PG Admissions at Allahabad University

Re-evaluation of Applicants with Visual and Hearing Impairments Raises Concerns

In the academic session 2024-25, a total of 103 candidates applied for postgraduate courses such as LLB, MCom, MA, and MSc at Allahabad University under the disability quota. Among these, 68 applicants claimed to have hearing or visual impairments. Due to doubts about the authenticity of their disability certificates, the university administration conducted re-tests at Manohar Das Eye Hospital (MDI) and Swaroop Rani Nehru Hospital (SRN).

Disability Quota Applicants Face Setback After Re-evaluation at Allahabad University

Out of the 29 candidates who submitted certificates for visual impairment, the panel of doctors at MDI found only one to be genuinely visually impaired, while two others were referred to AIIMS Delhi for further testing. The medical team's findings have been submitted to the university administration.

Similarly, 39 candidates applied under the hearing impairment category. They were examined at SRN’s ENT department, but only four candidates appeared for the tests. Sources suggest that none of these four passed the medical evaluation. This situation has dealt a significant blow to the aspirations of many who sought admission under the disability quota.

दाखिले को बने दिव्यांग, जांच में 68 में से मात्र एक पास

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शैक्षिक सत्र 2024-25 में परास्नातक (एलएलबी, एमकॉम, एमए और एमएससी) में दिव्यांग कोटे के तहत 103 अभ्यर्थियों ने प्रवेश के लिए आवेदन किया है। इनमें से 68 ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्हें कम सुनाई और दिखाई देता है। संदेह होने पर इविवि प्रशासन ने इन अभ्यर्थियों का मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय (एमडीआई) और स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) में पुन: परीक्षण कराया। आंख से कम दिखाई देने का दिव्यांग प्रमाण पत्र 29 अभ्यर्थियों ने लगाया था। एमडीआई अस्पताल में डॉक्टरों के पैनल ने जांच की तो केवल एक छात्र ही ऐसा निकला जिसे कम दिखाई दे रहा है। वहीं, दो को परीक्षण के लिए एम्स दिल्ली रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों की टीम ने इन सभी की रिपोर्ट इविवि प्रशासन को सौंप दी है।

वहीं कम सुनाई देने वाले 39 अभ्यर्थियों ने दिव्यांग कोटे के तहत आवेदन किया था। इन अभ्यर्थियों की जांच एसआरएन अस्पताल के ईएनटी विभाग में कराई गई। जांच के दिन केवल चार अभ्यर्थी ही एसआरएन में पहुंचे। सूत्रों की मानें तो वह चारों भी परीक्षण में सही नहीं पाए गए हैं। ऐसे में इस साल दिव्यांग कोटे के तहत प्रवेश लेने वालों को तगड़ा झटका लगा है।

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